" गायन्ति देवा: किल गीतकानि धन्यास्तु ते भारत-भूमिभागे ।
स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते भवन्ति भूय: पुरुषा: सुरत्वात ॥ "
( विष्णुपुराण -2.6.24 )
अर्थात देवगण भी गान करते हैं कि भारतभूमि में जनम लेने वाले लोग धन्य हैं] स्वर्ग और परमपद के समान इस देश में देवता भी देवत्व को छोड़कर मनुषे रूप में जनम लेना चाह्तें हैं [
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